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एक पंक्ति का बंगाणी गीत

एक पंक्ति का बंगाणी गीत ------------------------------- शायद ये हमारी दुनिया का सबसे छोटा गीत है। बंगाणी  समाज में इसे सामूहिक तौर पर गाने की परंपरा है, ये बात इस गीत को और अधिक विशेष बना देती है। जब भी कोई उत्सव होता है और लोग सामूहिक आनंद में डूबे होते हैं तो वे इस एक पंक्ति के गीत को गा उठते हैं - सॅदा चाइं थॅ एशॅइ पै। (ऐसा हमेशा होता रहे, अर्थात् ऐसी (सामूहिक) खुशी के दिन हमेशा आते रहें।) - शुबाशा, 8 अप्रैल, 2020
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स्वच्छता बंगाणी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा Cleanliness is an integral part of Bangaani culture

स्वच्छता बंगाणी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा बिना पैर धोये नहीं सोते थे. मेज़बान द्वारा, ख़ासतौर से घर की महिला द्वारा, मेहमान के भी पैर धोये जाते थे. मेहमान के पैर धोने की परंपरा तो अब नहीं है, लेकिन पैर धोने की याद ज़रूर दिलायी जाती है. पानी दूर हो. पानी कम हो. फिर भी हमेशा से ही बिस्तर बहुत साफ़ रखे जाते हैं. घर की सफाई नियमित रूप से की जाती है. हर तरह की साफ़ सफाई का ध्यान रखा जाता है. ........................................................................... 5 अप्रैल, 2020 Cleanliness is an integral part of Bangaani culture. Nobody used to sleep without washing the  feet. Feet of guests were washed by the host, specially a woman from host family. The tradition of washing the feet of guests is no more but one is reminded to wash his/her feet. The water was far. Water was scarce. Still the beds are kept very clean always. Cleaning of house is done on regular basis. Every care is taken to keep things neat and clean. ....................................................

बंगाणी कलाकार - 1 - जगमोहन बंगाणी Bangaani Artists - 1 - Jagmohan Bangaani

बंगाणी कलाकार - 1 - जगमोहन बंगाणी जगमोहन बंगाणी एक चित्रकार हैं. उनकी चित्रकला का एक अलग संसार है. वो अक्षरों  के इर्द-गिर्द चित्रकारी करते हैं. इस काम में उन्होंने अपने ढंग की शैली विकसित की है. उनके चित्रों में अक्षर अपने रूप से आकर्षित करते हैं, शब्द चित्रों के माध्यम से बोलते हैं, शब्द अपनी ध्वनियाँ बिखेरते हैं और कई बार शब्द नयी ध्वनियाँ प्रकट करते प्रतीत होते हैं. लेकिन चित्रकला में इस विशेषज्ञता तक पहुँचने की कहानी लम्बी है. बचपन से ही चित्रकारी का शौक था. चित्रकारी की प्रतियोगिताओं में मिले पुरुस्कारों ने उनका हौसला बढ़ाया. बंगाण के मोंडा गाँव के जगमोहन को बंगाण से बेहद लगाव है. इसी लगाव के चलते वो उन पहले लोगों में हैं  जिन्होंने बंगाणी  शब्द को अपने नाम ही हिस्सा बना दिया. उन्होंने डी..ए.वी. कॉलेज देहरादून से एम.ए. (ड्राइंग एंड पेंटिंग) की और इंग्लैंड के  विनचेस्टर स्कूल ऑफ़ आर्ट्स से एम.एफ.ए. (पेंटिंग) की पढ़ाई की है. वर्तमान में दिल्ली रहते हैं. ............................................................................ 6 अप्रैल, 2020 Bangaani Artists - 1 - Ja

एक बंगाणी ने लिखा था विश्व ज्ञान कोष Enclopaedia by a Bangaani

एक बंगाणी ने लिखा था विश्व ज्ञान कोष  भुटाणु के श्री बुद्धि सिंह पंवार ने लिखा था विश्व ज्ञान कोष। स्कूल के दिनों में विकास नगर के घर में इसकी कुछ प्रतियां देखी थीं मैंने। बहुत आकर्षित करती थी ये किताब। तब कुछ समझ में नहीं आया। अब इस किताब की ढूँढ है।  मैंने हिंदी में लिखी ये किताब 1978 -79 में देखी थी. Encyclopaedia by a Bangaani There was a book named Encyclopaedia written by Mr Buddhi Singh Panwar of Bhutanu village. I saw a few copies of this book in my home in Vikasnagar  during my school days. This book attracted me a lot but could not understand it then. Now I am in search of this book. I saw it in 1978-79 in Hindi. ........................................................................................ 4 April, 2020

क्या मैं आउट हूँ? Am I Out?

काइ मॅट? (क्या मैं आउट हूँ?) नॉट l (नहीं.) क्या आपने बचपन में ये खेल खेला था?  खलिहान में बिछे आयताकार चपटे पत्थर "स्टापू" (इक्का-दुक्का) खेलने के काम आते थे।  "काइ मॅट?" दरअसल "एम आइ आउट?" का देशी रूप था। "Am I Out?" "Not." Have you played this game in your childhood? It was played on the rectangle stones of a barn, named 'stapu' (ikka-dukka). "Kaai maut?" was a local version of 'Am I out?" ............................................................................................. 3 अप्रैल, 2020 

पीटर जौलर का बंगाणी भाषा में शोध Peter Zoller's Research in Bangaani Language

पीटर जौलर का बंगाणी भाषा में शोध Peter Zoller's Research in Bangaani Language अस्सी के दशक में या उसके थोड़े समय बाद जर्मनी के पेटर जौलर ने बंगाणी भाषा में कई वर्षों का शोध किया. मैंने एक समाचार पत्र में उनके हवाले से छपी खबर में पढ़ा था कि 'बंगाणी भाषा संस्कृत से भी पुरानी है'. बंगाणी भाषा में रूचि रखने वालों को उनके शोध के बारे में जानना आवश्यक है. In 1980s or the years after Peter Zoller of Germany has searched in Bangaani language for years. I remember to have read in a newspaper with the reference of Peter Zoller that 'Bangaani is older than Sanskrit language.' Those interested in Bangaani language must know about his research.

बंगाणी शब्दकोष 1 Bangaani Dictionary 1

बंगाणी शब्दकोष  1 Bangaani Dictionary 1 सवाल (सवाल/Question) का? (क्या? What?) केशौ? (कैसा? How?) केशी? (कैसी? How?) केलाइ? (क्यों? Why?) केति? (कितना? How much?) कूण? (कौन? Who?) केत्कै? (कहाँ? Where?) कारौ? (किसका? Whose?) कारी? (किसकी? Whose?) कास्खि? (किसके लिए? For whom?) किँदै? (किधर? Where?) केतरा? (कब? When?) कादु? (कब?/किस दिन? When?) ................................................................................. 1 अप्रैल, 2020